Padhai ke Bare mein में ऐसी बहुत सारी बातें हैं, जो कि लोग इसे तब समझते हैं, या सीखते हैं जब वह बड़े हो जाते हैं और बाद में वह यह कहते हैं, काश मुझे यह स्कूल में पता होता मेमोरी तेज करने का ट्रिक, तो मेरे प्यारे स्टूडेंट्स किसी भी चीज को झट से समझने का ट्रिक आज आप जानने वाले हो, और इससे आप पढ़ाई करने में टॉपर बन सकते हो।
Padhai ke Bare me Nayi Trick
आप किसी भी चीज को झट से समझ पाओगे, बहुत मजेदार होने वाली है आज की यह पोस्ट इसलिए पूरा जरूर ध्यान से पढ़ना, नहीं तो बहुत सी जरूरी चीजें आप मिस कर जाओगे, पूरी पोस्ट बस एक बार दिमाग केन्द्रित करके पढ़ लेना। padhai ke bare me रोचक तथ्य Interesting Study Facts In Hindi.
पढ़ाई में दिमाग नहीं लगता उसके लिए क्या करना चाहिए?
ऐसा अक्सर होता है ना कि आप किताबों को पढ़ते हो तो आप चाहे कितनी भी मेहनत कर लो पढ़ने की कोशिश कर लो पर कुछ चीजें ऐसी होती है, जो आपको कभी समझ ही नहीं आती और किसी क्लास के टॉपर और कम मार्क्स लाने वाले में यही अंतर होता है समझ का अंतर असल में दोनों की बुद्धि जॉनी इंटेलिजेंस चाहे एक समान हो पर फेल करने वाले को किसी चीज को समझने का तरीका नहीं पता होता और क्लास की वह घमंडी लड़की जो टॉप करती है, वह समझने और याद करने के लिए जाने अनजाने बहुत सारे ट्रिक्स अपनाती है।
इंटरेस्टिंग फैक्ट्स इन हिंदी Padhai ke Bare mein जानकारी
टॉपर कभी यह सीक्रेट किसी के साथ शेयर नहीं करते क्योंकि शेयर करेगी तो वह कंगाल नहीं हो जाएगी सबके अच्छे मार्क्स आने लगेंगे पर फैक्ट्स क्लास यहां मौजूद है, किसी भी नए चीज को जवाब सीख रहे हो या किसी कंसेप्ट को समझ रहे हो तब सबसे पहली चीज “भूल जाओ” अरे ब्रो क्या..? भूल जाओ..! यह भूल जाओ कि आप को पहले से क्या पता है मतलब जिस चीज को आप सीख रहे हो तब उस चीज के बारे में आपको पहले से क्या पता है उसे भूल जाओ अभी जो आप पढ़ रहे हो वह अक्सर आप उससे जोड़ने की कोशिश करते हो जो आप पहले से पढ़ चुके हो इसलिए सब लबड़-थबड़ हो जाता है।
पढ़ाई करते समय दिमाग फ्यूज क्यों हो जाता है?
दिमाग में एक वर्ड आता है कंफ्यूज.! पढ़ाई में कुछ समझ नहीं आता तो आप अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल करते हो कंफ्यूज हो गया हूं..? मैं कंफ्यूज आप तभी हो सकते हो जब आप ऑलरेडी प्रेजेंट इंफॉर्मेशन यानी आपके दिमाग में पहले से ही पड़ी जानकारी को अब उस से जोड़ते हो जो आप अभी सीख रहे हो।
अभी वाली जानकारी को पहले पढ़ी हुई जानकारी से पढ़ने के बाद जोड़ो और बीच में ही जोड़ने लग जाते हो. यानी एक सब्जेक्ट एक टॉपिक पढ़ते समय आप भूल जाओ कि आप कुछ जानते भी हो दिमाग को खाली कर दो आप शायद पूछोगे.? कि यह फैक्ट काम कैसे करता है।
मतलब इस माइंड ट्रिक के पीछे लॉजिक क्या है, देखो आपका जो माइंड है न और कोई एक चैप्टर जैसें मैथ का चैप्टर साइंस का 1 चैप्टर अकाउंटेंसी दुनिया के किसी भी सब्जेक्ट चैप्टर है, जिसे आज पहली बार सीखने वाले हो एक नया टॉपिक, अब आप इस टॉपिक को पढ़ना शुरू किए हैं। पर आप यहां महसूस सकते हो आपकी ब्रेन में पहले से ही पड़ी हुई इंफॉर्मेशन है जानकारी है खुद ही मान लिए हो आपको बहुत कुछ पहले से ही पता है और आप बहुत सारे अलग-अलग चैप्टर उसको इससे भी पहले पढ़ चुके हो इसलिए दिमाग तो पहले से ही रिजर्व है।
छात्र अपने पढ़ाई की तकनीक को कैसे बदलें?
अब जो नई जानकारी आएगी वह पुरानी जानकारी से कहेगी कि भैया जी थोड़ा साइड होना पुरानी इंफॉर्मेशन कहेगी आ जाओ भाई आ जाओ, अच्छे से वेलकम करेगी क्योंकि जगह थोड़ी मौजूद है कुछ मिनट बाद ही दिमाग पूरी तरह से भर जाएगा और नई इंफॉर्मेशन वो पुरानी इंफॉर्मेशन से लड़ाई करने लगी,क्योंकि और जगह बाकी नहीं होगा और यही वह कारण है। जिसके चलते आप नहीं जानकारी को नहीं समझ पाते हो, एक चक्कर में पुरानी कई इंफॉर्मेशन भी नष्ट हो जाती है इसलिए आप कभी कभी यह कहते हो कि अरे यह पढ़ने के बाद तो मैं जो पहले जानता था उसे भी भूल गया मैं जितनी बातें कह रहा हूं उससे आप रिलेटेड जरूर कर पाओगे तो।
छात्र पढ़ाई के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
यह सब तो मैंने आप को समझाने के लिए दिखाया यह पुरानी और नई जानकारी की पढ़ाई एक्चुअल में आपकी एक सोच के चलते उत्पन्न होती है इसका जड़ एक ही है आप यह सोचते हो कि मैंने पहले भी पड़ा है और मुझे पहले से ही बहुत कुछ पता है आपने तो यह जरूर सुना होगा कि जिसको अपने नॉलेज का बहुत घमंड होता है नई नॉलेज को ग्रहण नहीं कर सकता और जो इंसान सिंपल होता है वह बहुत ऊपर जाता है इसका कारण वही है घमंड नहीं करने वाला इंसान यह भूल जाता है उसे पहले से भी कुछ पता है वह सिर्फ नई जानकारी पर फोकस करता है।
घमंड करने वाला इंसान कभी भी नई इंफॉर्मेशन को अच्छे से ग्रहण नहीं कर पाता एक जरूरी बात मैं क्लियर कर दूँ, कि जब मैं कह रहा हूं कि भूल जाओ..! तब कई लोग पूछेंगे.? कहीं सच में हम पहले से पड़ा हुआ नहीं ना भूल जाएंगे..? वह हमारे दिमाग से उड़ तो नही हो जाएगा..? अरे नहीं ब्रो वही टेंपोरेरी होगा, मतलब थोड़ी देर के लिए होगा मतलब उसी समय तक भूलो जब तक आप किसी ने टॉपिक को समझ रहे हो अगर आप भूल जाओगे और अपने दिमाग को खाली कर दोगे तो नहीं जानकारी होगी वह पुरानी जानकारी से टक्कर नहीं खाएगी और भैया थोड़ा साइड होना वाली नौबत नहीं आएगी एकदम खाली बस रहेगी ।
पढ़ा हुआ भूल जाते हैं?
Padhai ke bare me इंपॉर्टेंट बात यह है, कि आप सिर्फ पहले की पढ़ाई को मत भूलो जब पढ़ रहे हो तब ओनली थिंग्स मतलब दुनिया भर की इधर-उधर की बातों को भी भूल जाओ फेसबुक में लाइक पच्चीस ही क्यों आए यार.? चलो यह देखता हूं कि यह शुभम के मामा के बहन के बेटे के फोटो पर कितने लाइक्स है.? यह बात भी भूल जाओ मैं शामिल है। मतलब पढ़ाई के बीच में यह सब अगर लाओगे तो हमेशा हमेशा डिस्ट्रक्टेड रहोगे इसलिए भूल जाओ मैं यह भी शामिल कर दो जब तक पढ़ रहे हो तब तक यह टेंपरेरी बेसिस पर भूल जाओ कि मोबाइल नाम की भी कोई चीज होती है।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर इन का नाम तो आपने जरूर सुना होगा इनका परिवार बचपन में बहुत गरीब था इनके घर का तेल खर्च ना हो और ज्यादा दिन तक चले इसलिए यह स्ट्रीट लैंप के नीचे पढ़ते थे, और आप मानो या ना मानो इनके बारे में यह कहा जाता है कि पढ़ाई करते समय फ़ोकस उनकी इतनी थी कि एक बार सामने से बारात निकल गई, और इन्हें पता भी नहीं चला, क्योंकि वह सब कुछ भूल गए थे इस दुनिया को भूल कर मानों किताब के अंदर चले गए थे, यह शक्ति होती है खाली माइंड की मतलब जो सिर्फ एक चीज पर फोकस करता है।
अगर आपने माइंड को खाली करके नहीं पढ़ोगे तब आप अपने दिमाग की पूरी क्षमता का कुछ ही भाग इस्तेमाल करते हो क्या पहले पढ़ें हो उसे भूल जाओ इधर उधर की दुनिया के बारे में भूल जाओ और इन दोनों के साथ-साथ अपने लिमिटेशंस के बारे में भी भूल जाओ अपनी हद के बारे में हमेशा दुनिया कहती है हम वैसा मान लेते हैं।
मैं Padhai mein कमजोर हूं मैं क्या करूं?
ज्यादातर स्टूडेंट्स के दिमाग में यह बैठा हुआ है कि मैं एक एवरेज स्टूडेंट हूं और यही दिमाग में लिए पढ़ाई नही करते हैं सिर्फ इसी सोच के चलते उनका दिमाग एवरेज है इसी सोच के चलते उनका एक एवरेज दिमाग बन के रह जाता है इसलिए आप भूल जाओ कि आप कैसे हो आप सिर्फ जो पढ़ रहे हो उस पर ध्यान दो यह करने से आपके अंदर इनफाइट इंटेलिजेंस आ जाती है जब आप अपने आप को एवरेज यानि नार्मल मानना छोड़ देते हो तब आपकी असल इंटेलिजेंस बाहर आती है।
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आपको पता नहीं किसने यह बता दिया है कि आपकी इंटेलिजेंस और मेमोरी साइज बहुत छोटी है बिल्कुल आपके जूते की साइज की तरह, लेकिन सच्चाई तो यह है कि आपके पोटेंशियल की कोई लिमिट नहीं है लेकिन अगर आप यह भूल जाओ तब आपकी पोटेंशियल की कोई लिमिट नहीं है अगर आप यह भूल जाओ तब क्या भूल जाओ यह भूल जाओ कि आपके अंदर कोई लिमिट है उसके उल्टा यह माने लगाओ कि आई एम लिमिटलेस मैं लिमिटलेस हूं तब आप धीरे-धीरे ऑटोमेटिकली एक जीनियस बन जाओगे।
Padhai me मन कैसे लगाए?
पढ़ाई में हलचल लाओ पढ़ाई में हलचल क्या होता है हलचल मतलब अपने आप को जगाओ स्कूल का एजुकेशन सिस्टम कैसा होता है टीचर आएंगे लेक्चर देंगे और चले जाएंगे वो बस यह कहते हैं कि इंफॉर्मेशन को दिमाग में भरते रहो एक घोंचू की तरह, पढ़ाई बोरिंग होती है कोई हलचल नहीं होती है ऐसा लगता है। कि बच्चे जबरदस्ती पढ़ रहे हैं,
मतलब प्रैक्टिकल नॉलेज की कमी, मुझे मेरे स्कूल टाइम की एक घटना याद है कि मैंने एक बार थोड़ा हाई लेवल का क्वेश्चन टीचर से पूछ लिया था तो उनका यह रिप्लाई था कि बेटा या सिलेबस के बाहर की चीज है यही वजह है कि बच्चों की सिटी क्यूरियोसिटी को मार देती है जानने की इच्छा को मार देती है।
एक बार पढ़ते ही याद कैसे करें?
अपने अन्दर padhai की चुल मचाओ कोई क्वेश्चन का आंसर नहीं मिलता उसे इंटरनेट तो पढ़ने की कोशिश करो पुरे जोश के साथ पढ़ो, क्योंकि हर सवाल का जवाब इंटरनेट नामक तिजोरी में मौजूद है। अगर ट्रेडिशनल स्कूल के आउटडेटेड किताबों को पढ़ते रहोगे ना तो कभी आपको ट्रू नॉलेज नहीं मिल पाएगा मतलब हलचल लाओ,
पढ़ाई को इंटरेस्टिंग बनाओ आपको खुद स्टेप लेना पड़ेगा, टीचर बदलने को नहीं कहूंगा। टीचर भी जरूरी है टीचर के साथ-साथ इंटरनेट पर भी पढ़ाई करना चालू कर दो और थोड़ा प्रेक्टिकल तरीके से पढ़ो, मतलब किताबी ज्ञान से थोडा ऊपर जाओ।
पढ़ाई करने का मूड नहीं है तो क्या करूं?
अपना मूड अच्छा रखो भावनाओं के जरिए और यह सबसे जरूरी पॉइंट है बिना अच्छे मूड के आप कुछ भी पढ़ा हुआ याद नहीं रख पाओगे और पढ़ते समय आप अच्छे मूड के लिए क्या कर सकते हो आप अपने padhai में फीलिंग्स को ऐड कर दो भावनाओं को ऐड कर दो देखना ऐसी बहुत सारी चीजें होती है।
जो आप कभी नहीं भूल सकते क्योंकि उसके साथ एक बहुत स्ट्रांग इमोशन जुड़ी हुई होती है एक ऐसा गाना जरूर होगा जो आपको किसी की याद दिलाता होगा या कोई ऐसा स्मेल जो बहुत पुरानी यादों को अनलॉक कर दे इसे नॉस्टैल्जिक फीलिंग भी कहते हैं।
यार मुझे भी फीलिंग आती है उस समय की जब मैं पहली बार किसी को दिल दे बैठा था, अरे वह क्या दिन थे, मगर नहीं, “सब मोह माया है जनाब” मैं पॉइंट से भटक रहा हूँ, तो हम खान थे, कम टू दा पॉइंट, तो सौ बात की एक बात padhai को भी इंजॉय करो, पढ़ने के लिए हमेशा डेडीकेटेड रहो और पढाई को अपने इमोशन से कनेक्ट करो,
स्कूल में सिर्फ कच्छा नालेज दिया जाता है “अरे वो कच्छा बादाम वाला नही ब्रो” हाँ तो सुनो यार मैं भी न? बात करते हैं इमोशन की, तो जनाब जहाँ इमोशन नहीं होता है, उसे ही आप कहते हो बोरिंग आप कहते हो ना पढ़ाई बोरिंग है यार इमोशन नहीं है इसलिए बोरिंग है।
पढ़ाई करते समय इमोशन लाओ: Padhai ke Bare mein
पढ़ते समय मूड अच्छा रखने का एक ही तरीका है Padhai में इमोशन लाओ, एक कहानी की तरह याद रखो थोड़ा खुश होके पढ़ो ताकि आपको बहुत देर तक वह याद रहे सबसे फास्ट लर्नर कौन होते हैं बच्चे.! क्योकि बच्चे बहुत इमोशनल होते हैं, और वह हर बात को एक इमोशन से जोड़ते हैं। और जो मैंने फर्स्ट पॉइंट में कहा था बच्चों में वह भी होता है वह सब कुछ भूल हुए होते हैं ज्यादा भूतकाल भविष्य काल के बारे में नहीं सोचते और प्रेजेंट मोमेंट यानि वर्तमान काल में मस्त रहते हैं।
Sherlock holmes एक बहुत फेमस कैरेक्टर है और उसे सबसे इंटेलिजेंट लोगों में से एक माना जाता है और उसे हमारे सौरमंडल के ग्रहों का नाम भी ठीक से याद नहीं है क्या बिलीव कर सकते हो एक जीनियस सौरमंडल के आठ ग्रहों का नाम भी नहीं पता तो फिर जीनियस कहां से हुआ, आपको इसका असल वजह नहीं पता असल में वह इतने स्मार्ट हैं कि उनका दिमाग इरेलीवेंट इंफॉर्मेशन जानकारी उनके काम की नहीं है उसको उनका दिमाग मिटा देता है। और आपका दिमाग भी यही करता है।
बिना इमोशन के टीचर का लेक्चर आप सुनते रहते हो इसलिए आपका दिमाग उसे आपके मेमोरी से तुरंत निकाल देता है इंडियन क्रिकेट टीम एक मैच में कितना रन करती है आप को एकदम अच्छे से याद रहता है क्योंकि हर मैच में एक धक्-धक् का मोमेंट होता है, कि कितना रन चाहिए कौन जीतेगा, तो देखो यहां पर कितना इमोशन भावनात्मक रूप से इन्वोल्व है, पढाई को अपने इमोशन के साथ खुश हो के करो, ताकि पढ़ाओ आपके लोंग टर्म मेमोरी में जाएं और आप हमेशा के लिए याद रखें।
पढ़े हुए को याद कैसे रखें?
ओकेज़नल रिवीजन पर ज़रूर ध्यान दें, अब आप कहोगे की रिवीजन.? रिवीजन तो हर कोई करता है, इसमें क्या खास बात है यही तो प्रॉब्लम है। जानता हर कोई है, जो मैंने आपको थोड़ी देर पहले बताया कि ओकेज़नल रिवीजन, पर ज्यादा तर स्टूडेंट इसको इतना सीरियस नहीं लेते, तभी आपका दिमाग ज्यादा देर तक याद नहीं रखता, जो आपके लिए जरूरी नहीं होता है। इसलिए जब आप किसी पढ़े हुए चीज का रिवीजन करते हो मतलब उसे फिर से पढ़ते हो तो आपके दिमाग को यह सिग्नल जाने लगता है।
यह चीज आपके लिए जरूरी है तभी ना आप से बार बार पढ़ रहे हो और इसलिए यह आपके लोंग टर्म मेमोरी में उस चीज को सेंड कर देता है, और इसलिए आपको पड़ी हुई चीज बहुत देर तक याद रहती है इसलिए जिस चीज को आप ज्यादा दिन तक याद रखना चाहते हो उसे रिवाइज़ करते रहो, समय समय पर उसे बार-बार पढ़ते रहो ताकि आपका दिमाग उसे इंपॉर्टेंट यानि जरूरी मानकर उसे लॉन्ग टर्म मोरी में भेज दे।
टॉपर लोग कैसे पढ़ाई करते हैंPadhai ke Bare mein
हर टॉपर जाने अनजाने कहीं ना कहीं इस को फॉलो करता है तो भूल जाओ हलचल मचाओ अपनी पढ़ाकू औए प्रेक्टिकल आदत के जरिए मूड अच्छा रखो भावना के जरिए और रिवीजन करो, यही वह सीक्रेट्स है। जो आपको एक जीनियस और एक टॉपर बना देगी अगर आपने इन टिप्स को फॉलो करना शुरू कर दिया तो मज़ा आ जायेगा और आपको जीनियस बनने से किसी में दम नही की रोक सकता।
बहुत सारे सीक्रेट्स हैं, दोस्त क्या आप इस जानकारी का पार्ट 2 जानना चाहते है, साथ ही साथ पढ़ाई के बारे में रोचक तथ्य की जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट जरूर करके बताएं, इसे लाइक और शेयर जरूर कर देना और अभी तक इस ब्लॉग को सब्सक्राइब नहीं किए हो, तो सब्सक्राइब जरूर कर लेना, खुश सहिये मस्त रहिये आपको हमारी तरफ से उज्जवल भविष्य के लिए भर-भर के शुभकामनाएं।